खिलौना माटी का – प्रदीप | Khilona Maati Ka – Pradeep
तूने खूब रचा भगवान्खिलौना माटी काइसे कोई ना सका पहचानखिलौना माटी का वाह रे तेरा इंसान विधाताइसका भेद समझ में ना आताधरती से है इसका नातामगर हवा में किले …
तूने खूब रचा भगवान्खिलौना माटी काइसे कोई ना सका पहचानखिलौना माटी का वाह रे तेरा इंसान विधाताइसका भेद समझ में ना आताधरती से है इसका नातामगर हवा में किले …
अपनी माँ की किस्मत पर मेरे बेटे तू मत रोमैं तो काँटों में जी लुंगी जा तू फूलों पर सोअपनी माँ की किस्मत पर… तू ही मेरे दिन का सूरज तू मेरी रात का चंदाएक …
चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत हैमगर वो रौशनी है कहाँमुझे जिसकी जरुरत हैये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँमेरी है अब तलक रात काली जगमगाते दियो मत जलोमुझसे रूठी है …
मैं एक नन्हा सा मैं एक छोटा सा बच्चा हूँतुम हो बड़े बलवानप्रभु जी मेरी लाज रखोमैं एक नन्हा सा मैंने सुना है तुमने यहाँ पेलाखों के दुःख टालेमेरा दुःख भी टालो तो …
चलो चलें मन सपनो के गाँव मेंकाँटों से दूर कहीं फूलों की छाँव मेंचलो चलें मन… हो रहे इशारे रेशमी घटाओं मेंचलो चलें मन… आओ चलें हम एक साथ वहांदुःख ना …
होने लगा है मुझ पे जवानी का अब असरझुकी जाए नज़रदेखो छलक पड़ी है मेरे रूप की गागरझुकी जाए नज़र हो झुकी जाए नज़र इक ऐसी डगर पर आई मेरी उमरदमकी है मेरी दुनिया झमकी …
अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथमंथन का अधिकार है सबको फल प्रभु तेरे हाथतेरे फूलों से भी प्यारतेरे काँटों से भी प्यारजो भी देना चाहे देदे करतारदुनिया के …
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिमजिधर भी देखूं मैंअंधकार अंधकारअँधेरे में जो बैठे हैंनज़र उन पर भी कुछ डालोअरे ओ रौशनी वालोबुरे इतने नहीं हैं हमजरा देखो हमे भालोअरे ओ …
किस बाग़ में मैं जन्मा खेलामेरा रोम रोम ये जानता हैतुम भूल गए शायद मालीपर फूल तुम्हे पहचानता हैजो दिया था तुमने एक दिनमुझे फिर वो प्यार दे दोएक क़र्ज़ मांगता …
तुमको तो करोड़ो साल हुए बतलाओ गगन गंभीरइस प्यारी प्यारी दुनिया में क्यूँ अलग अलग तक़दीर मिलते हैं किसी को बिन मांगे ही मोतीकोई मांगे लेकिन भीख नसीब ना होतीक्या …
चल अकेला चल अकेला चल अकेलातेरा मेल पीछे छूटा राही चल अकेला हजारों मील लम्बे रस्ते तुझको बुलातेयहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलातेहै कौन सा वो इन्सान यहाँ …
हमने जग की अजब तस्वीर देखीएक हँसता है दस रोते हैंये प्रभु की अद्भुत जागीर देखीएक हँसता है दस रोते हैं हमे हँसते मुखड़े चार मिलेदुखियारे चेहरे हज़ार मिलेयहाँ सुख …
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान्कितना बदल गया इंसान कितना बदल गया इंसानसूरज न बदला चाँद न बदला न बदला रे आसमानकितना बदल गया इंसान कितना बदल गया इंसान …
आज नहीं तो कल बिखर जायेंगे ये बादलहँसते हुए चलमेरे मन हँसते हुए चलबीती हुई बातों पेबीती हुई बातों पे अब रोने से क्या फलहँसते हुए चलमेरे मन हँसते हुए चल गुज़र …
ऊपर गगन विशाल नीचे गहरा पातालबीच में धरती वाह मेरे मालिक तू ने किया कमालअरे वाह मेरे मालिक क्या तेरी लीलाएक फूँक से रच दिया तू नेसूरज अगन का गोलाएक फूँक से रचा …
धीरे धीरे आ रे बादल धीरे धीरे आ रेबादल धीरे धीरे जामेरा बुलबुल सो रहा है शोरगुल ना मचा रात धुंधली हो गयी हैसारी दुनिया सो गयी हैसह्जला के कह रही हैंफूल क्यारी …
न जाने किधर आज मेरी नाव चली रेन जाने किधर आज मेरी नाव चली रेचली रे चली रे मेरी नाव चली रेचली रे चली रे मेरी नाव चली रेकोई कहे यहाँ चली कोई कहे वहाँ चलीकोई कहे …
हम तो अलबेले मज़दूर गज़ब हमारी जादूगरीजादूगरी भाई जादूगरी गज़ब हमारी जादूगरीहम तो अलबेले मज़दूर गज़ब हमारी जादूगरी कहो तो फ़ौरन महल बना देंपास में बढ़िया बाग़ …
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौनपूनम की चाँदनीकौनपूनम की चाँदनीमेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौनपूनम की चाँदनीअरेमधुर-मधुर मन भाईये कौननहींमधुर-मधुर मन भाईपूनम की …
गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ बहार में किस लियेचार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लिये आ गया आँचल किसी का आज मेरे हाथ मेंहै चकोरी आज अपने चँद्रमा के साथ …
आज हिमालय की चोटी से फिर हम ने ललकरा हैदूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है. जहाँ हमारा ताज-महल है और क़ुतब-मीनारा हैजहाँ हमारे मन्दिर मस्जिद सिखों का …
दूसरों का दुखड़ा दूर करने वाले,तेरे दुःख दूर करेंगे राम ।किये जा तू जग में भलाई का काम,तेरे दुःख दूर करेंगे राम । Dusron ka dukhda door karnewaleTere dukh dur …
सुख दुःख दोनों रहते जिस मेंजीवन है वो गाओंकभी धूप कभी छाँवकभी धूप तो कभी छाओंउपरवाला पासे फेंकेनिचे चलते दांवकभी धूप कभी छाँवकभी धूप तो कभी छाओं भले भी दिन आते …
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल केअक्षर सभी पलट गए भारत के भाल केमंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल केसदियों के बाद फ़िर उड़े …