कोयल – सुभद्रा कुमारी चौहान | Koyal – Subhadra Kumari Chauhan
देखो कोयल काली हैपर मीठी है इसकी बोलीइसने ही तो कूक–कूक करआमों में मिसरी घोली कोयल कोयल सच बतलाओक्या संदेशा लाई होबहुत दिनों के बाद आज फिरइस डाली पर आई हो क्या …
देखो कोयल काली हैपर मीठी है इसकी बोलीइसने ही तो कूक–कूक करआमों में मिसरी घोली कोयल कोयल सच बतलाओक्या संदेशा लाई होबहुत दिनों के बाद आज फिरइस डाली पर आई हो क्या …
कर्म के योगी, शक्ति-प्रयोगी,देश-भविष्य सुधारिएगा।हाँ, वीर-देश के दीन देश के,जीवन-प्राण पधारिएगा। तुम्हारा कर्म—चढ़ाने को हमें डोर हुआ।तुम्हारी बातों से दिल में …
बहिन आज फूली समाती न मन में।तड़ित् आज फूली समाती न घन में॥घटा है न फूली समाती गगन में।लता आज फूली समाती न वन में॥ कहीं राखियाँ हैं चमक है कहीं पर,कहीं बूँद है, …
आ रही हिमालय से पुकारहै उदधि गजरता बार-बारप्राची पश्चिम भू नभ अपारसब पूछ रहे हैं दिग-दिगंत-वीरों का कैसा हो बसंत Aa rahi himalay se pukarHai udadhi garajata bar …
इस समाधि में छिपी हुई है, एक राख की ढेरी |जल कर जिसने स्वतंत्रता की, दिव्य आरती फेरी ||यह समाधि यह लघु समाधि है, झाँसी की रानी की |अंतिम लीलास्थली यही है, …
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी,गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,दूर फिरंगी को करने की सबने मन में …
यह मुरझाया हुआ फूल है, इसका हृदय दुखाना मत।स्वयं बिखरनेवाली इसकी, पँखड़ियाँ बिखराना मत॥गुज़रो अगर पास से इसके इसे चोट पहुँचाना मत।जीवन की अंतिम घड़ियों में, …
जब मैं आँगन में पहुँची,पूजा का थाल सजाए।शिवजी की तरह दिखे वे,बैठे थे ध्यान लगाए॥ जिन चरणों के पूजन कोयह हृदय विकल हो जाता।मैं समझ न पाई, वह भीहै किसका ध्यान …
यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरेमैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे ले देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वालीकिसी तरह नीची हो जाती यह कदंब की डाली …